Phala Ghrit
Benefits of Phala Ghrit
- This medicated Ghrut by Godhara is effective in addressing all issues related to female and male reproductive health.
- Women who are unable to conceive and undergoing infertility treatment are known to immensely benefit from phala ghee.
- The female problems like; menstruation, irregular periods etc are known to be cured by phala ghrut, taken under strict supervision of able Vaidya.
- The reproductive weakness in males can be easily removed and vigor improved by phala ghrut.
Packaging Size: 100 grams
फलघृत
(संदर्भ साडँगंधर संहिता से)
औषधियों का यह मिश्रण पुरुष और स्त्री के लिए सभी रोगों में वरदान है
गीर गौ जतन संस्थान द्वारा निर्मित श्री गीर गोरस औषधीय फलघृत स्त्री और पुरुष के प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित सभी परेशानियों को सुलझाने में प्रभावी है। महिलाओं को जो गर्भ धारण करने और बांझपन उपचार से गुजरने में असमर्थ हैं, उन्हें फलघृत से बेहद लाभ हुआ है । गर्भधारित महिलाओ के लिए यह अमृत सामान है ।
फलघतृ के लाभ
• माहवारी को नियमित करने मे लाभकारी।
• यह स्त्रियों में कमर दर्द, शरीर दर्द, पीठ में दर्द, पेडू में दर्द आदि को दूर करने मे उपयोगी।
• बांझपन या बच्चो के न होने मे लाभकारी ।
• यह गर्भाशय को मजबूत करता है तथा बार-बार होने वाले गर्भपात को रोकने मे लाभ करता है।
• इसके सेवन से होने वाले बच्चे के विकास में मदद मिलती है और वह स्वस्थ्य और बुद्धिमान होता है।
• यह इनफर्टिलिटी को दूर करने मे एवं सन्तान प्राप्ति में सहाय करता है।
• यह अत्यंत पौष्टिक है।
• यह स्निग्ध है और आन्तरिक रूक्षता दूर करता है।
• यह वज़न, कान्ति और पाचन को बढ़ाता है।
• यह कब्ज़ से राहत देता है।
• यह दिमाग, नसों, मांस, आँखों, मलाशय आदि को शक्ति प्रदान करता है।
• यह धातुओं को पुष्ट करता है।
• यह पित्त विकार को दूर करता है।
• त्रिदोष पर प्रभाव – शांत वात, पित्त और कफ
• पुरुषों में प्रजनन कमजोरी को दूर करने मे उपयोगी।
• पुरुषों में वीर्य को मजबूती देता है और यौन कमजोरी को दूर करने मे लाभकारी।
फलघृत सामग्री :
जेठीमठ, हल्दी, दारूहरिरा – बरबेरीस अरिस्ताटा, कण्डु, वावडिंग,लिनडीपीपर, नागरमोथ , कायफल , वाज, मेदा, महामेदा, काकोली , क्षीरकाकोली , सफेल उपलसरी, इंद्रावन का
मुल, दाऊला , सौफ , हींग रास्ना, चन्दन, रक्ताचंदन – पटरोकार्पस सैन्टलिनस, जाईना फूल , वंश लोचन , कमल, साकर, अजमो , नेपालका मुल , गोघृत , गोदूध।
मात्रा :
रोज गरम दूध पानी या पानी के साथ 6-12 ग्राम , दिन में दो बार सेवन करे अथवा अपने वैद की सलाह के अनुसार। इसका सेवन लगातार कुछ महीने करे।
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